उरवाई गेट से ऊपर जाने पर ऊपरी द्वार से पहले रास्ते में बहुत विशाल प्रतिमाएं है जोकि जैन धर्म के 24 तीर्थंकरों में से कुछ तीर्थ करो कि है
यह प्रतिमा बहुत ही विशाल और आश्चर्यचकित करने वाली है क्योंकि यह प्रतिमा चट्टान में खोदकर इस प्रकार बनाई हुई है जैसे मानो किसी मिट्टी की प्रतिमा हो दरवाजा भी बनाया गया है दरवाजे के पास में ही आल्हा बनाया गया है जिसमें बहुत सारी प्रतिमाएं हैं जो की साधना अवस्था में बनाई गई है उनके बीच में एक बड़ी प्रतिमा है फिर जस्ट उसके नीचे साधना अवस्था में एक प्रतिमा है जोकि मंदिर टाइप में बनाई गई है
यह मूर्तियां चट्टान के निचले हिस्से में बनाई गई है और यहां पर ऊपर से पानी झरता रहता है पास में ही एक इमली का पेड़ है यहां पर लगभग 20 से 25 मूर्तियां होंगे जो कि चट्टान में बनाई गई है
उरवाई गेट का ऊपरी द्वार
यहां से ऊपर जाने पर कुरवाई गेट का सेकंड द्वार मिलता है जिसे निकलकर हमें 3 रास्ते मिलते हैं जिनमें से हमें सीधे जाना है तो हम मानसिंह पैलेस पर पहुंच जाएंगे
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