कान्हा किसली राष्ट्रीय उद्यान मध्य प्रदेश
कान्हा किसली भारत का एक प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान है कान्हा किसली राष्ट्रीय उद्यान मध्यप्रदेश के मंडला जिले में स्थित है कान्हा प्राकृतिक एक सुंदर दृश्य के लिए प्रसिद्ध है यहां की सुंदरता यह वास्तु कला पर्यटकों के लिए हमेशा ही आकर्षण का केंद्र बनाए हुए हैं यहां पर कई प्रकार के जीव जंतु पाए जाते हैं पशु पक्षियों की कई प्रजातियां मौजूद है जिनकी क्रीड़ा देखकर सैलानी मुग्ध हो जाते है।
कान्हा नाम कैसे पड़ा
यहां चिकनी मिट्टी अधिक मात्रा में पाई जाती है यहां की क्षेत्रीय भाषा में चिकनी मिट्टी को कनहार कहते हैं तथा यहां पर रहने वाले एक सिद्ध पुरुष का नाम कान्हा था जिसके नाम पर इस जगह का नाम का नाम पड़ गया यह माना जाता है
कान्हा राष्ट्रीय उद्यान
यह 940 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है तथा सतपुड़ा की पहाड़ियों के बीच होने की कारण यह सुंदर दृश्य अद्भुत और आश्चर्यचकित करने वाला मन को शांति पहुंचाने वाला आकर्षण क्षेत्र है तथा सतपुड़ा की पहाड़ियों की ऊंचाई450 से 900 मीटर है जब अंग्रेजों ने भारत पर राज्य किया था तब कान्हा राष्ट्रीय उद्यान अंग्रेजों का शिकार स्थल हुआ करता था लेकिन 1933 मैं इसे अभयारण्य घोषित कर दिया गया तत्पश्चात 1955 में ऐसे राष्ट्रीय उद्यान घोषित कर दिया गया
कान्हा राष्ट्रीय उद्यान एशिया के सबसे खूबसूरत उड़ानों में से एक है तथा यहां पर पक्षियों की कई प्रजातियां मौजूद है पशुओं की कुछ प्रजातियां विलुप्त होने की कगार पर थी लेकिन उन्हें सरकार ने विलुप्त होने से बचा लिया
यह जगह दा जंगल बुक की रियल जगह है जहां पर मोगली जैसे बच्चे जानवरों से प्यार करते थे मोगली कान्हा किसली का ही रहने वाला था जिस पर आज द जंगल बुक मूवी बनी है तथा बगीरा,शरखान भी इस जगह पर रहा करते थे
यहां पर पक्षियों की 300 प्रजातियां पाई जाती है जिनके मिलने का संगम अद्भुत और आश्चर्यचकित करने वाला है भाई यहां पर कुछ प्रजातियां सर्दियों की टाइम पर आती है आप कुछ स्थाई रहती है जिनमें से तीतर, बटेर, बगुला, तालाबी बगुला,सारस, हर कबूतर ,पहाड़ी कबूतर, पिंटेल, मोर मोरनी, किंगफिशर, बत्तख, मुर्गा मुर्गी, धब्बेदार पैराकीटस्, उल्लू, पपिया आदि पक्षी पाए जाते हैं
मांसाहारी जीव जंतु
भारतीय पैंगोलिन और भेड़िए, चीता, बिल्ली आदि जीव जंतु पाए जाते हैं
बामनी दादर कान्हा राष्ट्रीय उद्यान का प्रमुख तन खूबसूरत स्थल है यहां का सूर्यास्त पर्यटकों को आकर्षित करता है ताज चारों ओर से जंगल से गिरे इस जगह को और भी खूबसूरत सुंदर दृश्य देखने को मिलता है
कान्हा राष्ट्रीय उद्यान का खुलने का समय तथा तापमान
कान्हा राष्ट्रीय उद्यान 1 अक्टूबर से 30 जून तक खुला रहता है तथा मानसून के समय बंद रहता है यहां का न्यूनतम तापमान 2 डिग्री सेल्सियस तथा अधिकतम 39 डिग्री सेल्सियस तक रहता है यहां सर्दी के मौसम में बारहसिंघा को नजदीक से देखा जा सकता है इस समय हमें ठंड से बचने के लिए ऊनी कपड़ों की जरूरत होती है
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