चौसठ योगिनी मंदिर मितावली मुरैना
प्राचीन मितावली इकत्तोसर मंदिर का निर्माण 13 वी सदी मैं हुआ था इस मंदिर का निर्माण कच्छपघात राजा देवपाल ने करवाया था 170 फीट त्रिज्या वाले इस मंदिर का निर्माण बिल्कुल सांसद भवन के जैसा है या यूं कहें की संसद भवन शायद इस मंदिर की नक्शे के आधार पर ही बनाया गया होगा इसमें 64 शिवलिंग है जिनकी बीचो-बीच शिवलिंग मंडप है यह मंदिर काफी जगह में फैला हुआ है पथरीली चट्टानों के बीच बनाया मंदिर 2000 में पुरातत्व विभाग की नजर पड़ी और तब से अब तक यहां पर हजारों पर्यटक इस मंदिर की कला को देखने के लिए जाते हैं इस मंदिर की कला अद्भुत और आश्चर्यचकित करने वाली है यह चंबल की घाटी में होने के कारण इस पर कभी नजर नहीं पड़ी थी यहां पर डकैतों का बॉस हुआ करता था जिसकी वजह से लोग वहां जाने से डरते थे इसीलिए इस मंदिर के बारे में किसी को पता नहीं था ज्यादातर स्थानीय लोग घूमने जाया करते थे लेकिन अब देश विदेश से भी यहां पर घूमने जाते हैं
बाहर का दृश्य
प्रवेश करते हुए
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प्रवेश करनेे के पश्चात का दृश्य
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ग्वा
लियर का किला
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