ग्वालियर किला जैन मंदिर मूर्ति चित्रकला उरवाई गेट

November 05, 2019
उरवाई गेट से ग्वालियर किले पर जाने पर सबसे पहले जैन मंदिर मिलता है जो नीचे ही है जिसमें बहुत सारी मूर्तियां रखी हुई है जो जैन धर्म का प्रदर्शन करती हैं कि यहां पर जैन धर्म अनुयाई राजाओं का भी राज रहा है आश्चर्यचकित करने वाली बात यह है की मूर्तियां चट्टानों में ही खुद कर बनाई गई है जिन्हें देखकर ऐसा नहीं लगता कि यह चट्टानों में खुद कर बनाई होगी मूर्तियां बहुत ही सावधानी से बनाई गई है जैसी आप नीचे देख पा रहे हैं

 चौबीसी नाम इसलिए है क्योंकि इसमें 24 मूर्तियां बनी हुई है इसलिए इसका नाम चौबीसी ही रखा गया है तथा यहां 24 तीर्थ करो मैं से कुछ तीर्थ करो की मूर्तियां

माता त्रिशला मंदिर

मंदिर के अंदर  की मूर्तियां 
जन्म कल्याणक है मतलब जो इस पृथ्वी पर जन्म लेता है उसका कल्याण करने वाले हैं भगवान जन्म कल्याणक

माता त्रिशला मंदिर के अंदर की मूर्तिया 

यह मूर्तियां चट्टान में खुद कर बनाई गई है जो 1 दरवाजे टाइप में बनाई गई है यह देखने है बहुत ही खूबसूरत नजर आती है ऐसी ही चित्रकला उसे हमारा ग्वालियर का किला मशहूर है कई ऐसी विचित्र चित्रकला ए थी जिन्हें अंग्रेजों ने काट दिया या उन्हें ले गए जब भी आप आएंगे तो पहाड़ी की चट्टानों में देखेंगे की सभी मूर्तियां कहीं ना कहीं से कटी हुई है किसी मूर्ति का मुंह कटा है तू किसी के हाथ पैर ऐसी ही भोसारी मूर्तियों को बेकार बना दिया है लेकिन यह मूर्तियां यह स्पष्ट करती हैं कि ग्वालियर चित्रकला में बहुत ही निपुण महान कलाकार हुआ करते थे

भगवान आदि नाथ  जी

मोक्ष कल्याणक

इस मूर्ति को चट्टान में गोल टाइप में बनाई गई है  मूर्ति के ऊपर एक झुमका टाइप का छाया करने के लिए लगा हुआ है मूर्ति की पास में एक गुफा है जो दिखने में बहुत ही अच्छी लगती है

ज्ञान कल्याणक तथा तप कल्याणक

 जैन धर्म मंदिर

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